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बिहार चुनाव के महापर्व का प्रथम चरण शांतिपूर्ण तरीके से हुआ संपन्न

बिहार में प्रथम चरण के 71 विधानसभा सीटों पर औसत 53-54% मतदान हुआ। किसी-किसी मतदान केंद्र पर 50 से कम तो कहीं 60% के आसपास मतदान हुआ। विकलांगों के साथ-साथ अति वृद्धों ने भी बूथ पर जाकर ही वोट किए, जबकि उन्हें चुनाव आयोग द्वारा पोस्टल बैलट के माध्यम से मताधिकार करने की सुविधा दी गई है। कोरोना काल में इतना प्रतिशत मतदान होना मतदाताओं की जागरूकता तथा सुशासन के प्रति आस्था को दर्शाता है। आरंभ में, कोरोना काल में चुनाव कराना कुछ राजनीतिक दलों को गले से नीचे नहीं उतर रहा था।

बता दें कि जागरूक मतदातागण रोहतास में पुल के लिए आक्रोशित होकर मतदान करने नहीं आए। जमुई में ईवीएम मशीन खराब होने के कारण 4 घंटे तक वोट नहीं डाले गए। बूथ नंबर 125 एवं 230 पर ईवीएम मशीन में खराबी की रिपोर्ट दर्ज की गई। कहीं से कोई वारदात की रिपोर्ट नहीं मिली। मात्र एक जगह राजद एवं निर्दलीय कार्यकर्ताओं में झड़पें हुई और आधे दर्जन लोग घायल हुए।

जानिए कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी शांतिपूर्ण तरीके से हुआ मतदान यानि नक्सलियों के ‘गन-तंत्र’ पर भारी दिखा उत्साह भरा लोकतंत्र। तभी तो कोरोना की चुनौती के बीच जागरूक मतदाताओं ने बरसाया वोट।

चलते-चलते यह भी जान लें कि प्रथम चरण के मतदान के दरमियान 2400 बूथों से लाइव वेबकास्टिंग के जरिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और चुनाव आयोग- विधानसभा की तमाम गतिविधियों पर सीधी नजर रखे हुए थे। चुनाव के दौरान 71 सीटों को लेकर सभी प्रकार के कुल 2190 प्रेक्षकों की तैनाती की गई थी। साथ ही संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों पर कुल 1708 वीडियो कैमरों का उपयोग किया गया था। प्रथम चरण के 16 जिलों में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न कराए जाने पर जिला प्रशासन के सभी आलाधिकारियों व पदाधिकारियों को मधेपुरा अबतक का साधुवाद।

 

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