पंडित दीनानाथ मंगेशकर सरीखे मराठी रंगमंच अभिनेता, प्रसिद्ध गायक व नाटककार पिता की दो पुत्रियों भारत रत्न लता मंगेशकर और आशा मंगेशकर ने फिल्मी दुनिया में अपनी गायकी की ऊंचाइयों के लिए प्रसिद्धि प्राप्त कर चुकी है। आज भी इन दोनों की आवाज के करोड़ों दीवाने हैं। शेष दो पुत्रियां मीणा व उषा एवं पुत्र हृदयनाथ मंगेशकर हैं।
बता दें कि आशा मंगेशकर का जन्म 8 सितंबर 1933 को महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था। बेहद छोटी उम्र में ही अपने बच्चों को संगीत की तालीम देनी शुरू कर दी पिता श्री पंडित दीनानाथ ने। आशा जी ने जीवन के 9वें बसंत पार करते ही पिता को खो दिया। तब पूरा मंगेशकर परिवार मुंबई आकर रहने लगा। बड़ी बहन लता जी के कंधे पर परिवार का बोझ आने पर उसने कम ही उम्र में फिल्मों में गाना व अभिनय शुरू कर दिया था।
यह भी जानिए की बड़ी बहन लता जी के अधिक उम्र के सेक्रेटरी गणपतराव भोसले से आशा जी ने परिवार के विरुद्ध जाकर प्रेम विवाह कर लिया और इस कारण उन्हें घर भी छोड़ना पड़ा था। पहली शादी से उन्हें तीन बच्चे हैं। दो बेटे- हेमंत एवं आनंद और एक बेटी वर्षा। बाद में शादी टूटने के बाद आशा जी अपने तीनों बच्चों के साथ घर वापस आ गई।
यह भी बता दें कि आशा जी ने दूसरी शादी प्रसिद्ध संगीतकार आरडी बर्मन (पंचम दा) से की। जानिए कि संगीतकार एसडी बर्मन के पुत्र राहुल देव बर्मन बचपन में रोते वक़्त पाँच तरह की आवाजें निकालते थे इसलिए उन्हें पंचम कहा जाने लगा और बाद में ‘पंचम दा’ के नाम से प्रसिद्ध हो गए। यह पारिवारिक संबंध आशा जी ने पंचम दा के निधन तक निभाया।
आरंभ में आशा भोंसले को बहुत संघर्ष करना पड़ा था। आशा जी ने 1948 में अपना पहला गीत फिल्म ‘सावन आया’ में गाया फिर तो नया दौर, उमराव जान, तीसरी मंजिल आदि फिल्मों में मोहम्मद रफी के साथ मांग के साथ तुम्हारा…, उड़े जब जब जुल्फें तेरी… आदि गीतों ने धूम मचा दी और छह दशक तक 16 हजार से ज्यादे गानों में न जाने इतने बेहतरीन गाने गाती चली गई।
चलते-चलते यह भी जानिए कि आशा भोंसले केवल एक अच्छी गायिका ही नहीं बल्कि एक बेहद अच्छी कुक भी हैं आशा जी कुवैत एवं दुबई में “अपना रेस्तरां” चेन भी चलाती हैं।