कोरोना के तांडव के चलते संसार के सभी देशों में तहलका मचा हुआ है। अमेरिका जैसा सुपर पावर भी बुरी तरह कोरोना की चपेट में आ गया है। लाखों लोगों ने कोरोना वायरस के चलते मौत को गले लगा लिया है। अब तक दुनिया के वैज्ञानिक कोरोना के उपचार हेतु दवाई तलाशने में ही लगे हैं।
बता दें कि कोरोना से बचने के लिए दुनिया के सर्वाधिक देशों में सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के लिए लाॅक डाउन शुरू कर दिया गया है। फैक्ट्रियां बंद कर दी गई हैं। रेलगाड़ियों से लेकर हवाई जहाजों तक बंद किए गए। आवश्यक दुकानों को छोड़ सभी दुकानों को भी बंद किए गए। मंदिर से लेकर मस्जिद तक लॉक डाउन में बंद किए गए। बिहार के 25 लाख में से लगभग 15 लाख मजदूर देश के महानगरों से अपने-अपने घर लौट गए। कितने तो पैदल ही हजार-हजार किलोमीटर चलते हुए घर पहुंचे हैं।
बता दें कि अमेरिका में रह रहे करीब 40 हजार भारतीय स्वदेश वापसी के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। लगभग 5000 भारतीय लौट भी चुके हैं। शेष भारतीय अपने वतन लौटने को बेताब हैं…… वे जल्द से जल्द घर वापस आने को आतुर हैं। बकौल भारतीय राजदूत “बंदे भारत मिशन” के तहत अब तक 16 उड़ानें रवाना हो चुकी है। तीसरा घर वापसी मिशन जून 11 से जुलाई के अंत तक चलेगा। इस चरण में 35 हजार भारतीयों को भेजा जाएगा।
चलते-चलते यह भी जानें कि खाड़ी देश सऊदी अरब में फंसे 1600 भारतीयों को वापस भेजने के लिए सऊदी की एक कंपनी ने चार्टर्ड फ्लाइटें बुक कर ली है।