भारत और दुनिया के इतिहास में 19 अप्रैल को एक से बढ़कर एक महत्वपूर्ण घटनाएं घटती रही और आज भी घट रही है- जिनमें अमेरिकी क्रांति की शुरुआत से लेकर भारतीय प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले तात्या टोपे को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा दी गई फांसी भी शामिल है। आजाद भारत में पहला उपग्रह “आर्यभट्ट” का 19 अप्रैल 1975 को लांच किया जाना भी इतिहास का महत्वपूर्ण अध्याय माना जाता है।
बता दें कि यह सेटेलाइट आर्यभट्ट भारत के विश्व विख्यात एवं महान खगोल शास्त्री व गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर नामित किया गया है जिनका जन्म बिहार की राजधानी पटना में पांचवी शताब्दी 476 ईसवी में तब हुई थी जब पटना का नाम कुसुमपुर था।
गणितीय ज्ञान के तत्कालीन खजांची खगोल विद आर्यभट्ट द्वारा मात्र 23 वर्ष की आयु में दो भागों में आर्यभट्टियम पुस्तक लिखी गई थी जिसके कुल 121 श्लोकों द्वारा ज्योतिषीय, बीज गणितीय एवं त्रिकोणमितीय विद्याओं व सूत्रों की व्याख्या की गई। आर्यभट्ट द्वारा शून्य का आविष्कार भी उसे दुनिया में अमरत्व दे गया है। तभी तो भारत ने अपने प्रथम उपग्रह का नाम उन्हीं के नाम पर आर्यभट्ट रखा… जिसे 19 अप्रैल 1975 को सोवियत काॅसमाॅस- 3M द्वारा कपुस्तिन से लांच किया गया। भारत सरकार ने 1975 में आर्यभट्ट के सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया है।