मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुख्य सचिव एवं अन्य वरीय अधिकारियों के साथ पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर डोर टू डोर कैंपेन की अद्यतन स्थिति, राशन कार्डधारियों को दी जा रही 1,000 रुपए की सहायता राशि एवं गेहूँ अधिप्राप्ति की स्थिति आदि के संबंध में गहन समीक्षा की।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्वीकृत, लंबित एवं त्रुटिपूर्ण राशन कार्डों के जांचोपरान्त सही पाए गए आवेदनों को पहले सहायता राशि एवं अन्य मदद उपलब्ध कराई जाए, तत्पश्चात् राशन कार्ड शीघ्र निर्गत करने की भी कार्रवाई करें। साथ ही उन्होंने कहा कि राशन कार्ड विहीन परिवारों को जीविका दीदी द्वारा चिह्नित सूची के अनुसार तत्काल सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए, तत्पश्चात् राशन कार्ड निर्गत करने की भी कार्रवाई करें।
एक अन्य महत्पूर्ण निर्णय के तहत मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अंदर चल रहे आपदा राहत केन्द्रों में दिहाड़ी मजदूरों, ठेला वेंडरों, रिक्शा चालकों एवं अन्य जरूरतमंदों को गुणवत्तापूर्ण भोजन के साथ-साथ बाढ़ राहत शिविरों की तरह बर्तन, कपड़ा और दूध जैसी तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराएं। साथ ही शिविर में खाना बनाने वाले लोगों को अलग से पारिश्रमिक देने की व्यवस्था की जाए। आवश्यकता पड़ने पर राहत केन्द्रों की संख्या भी बढ़ाई जाए।
गेहूँ अधिप्राप्ति की समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि गेहूँ अधिप्राप्ति के कार्य में तेजी लाई जाए ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित लाभ मिल सके।
समीक्षा के क्रम में जानकारी दी गई कि पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर प्रभावित जिलो में डोर डोर स्क्रीनिंग के तहत अब तक 36 लाख 14 हजार घरों का सर्वे किया जा चुका है। राहत की बात है कि इतने घरों में से मात्र 1386 लोगों में सर्दी, खांसी एवं बुखार के सामान्य लक्षण हैं। मुख्यमंत्री ने इस दौरान डोर टू डोर स्क्रीनिंग का दायरा बढ़ाने का भी निर्देश दिया।