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18 अप्रैल को घर में ही मनाया ‘विश्व धरोहर दिवस’ डॉ.मधेपुरी ने

सभी जानते हैं कि विश्व के समस्त देशों में मानव सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। भारत के 37 स्थल विश्व धरोहर में शामिल किए गए हैं।

बता दें कि ताजमहल से लेकर अजंता की गुफाओं तक तथा लाल किला से लेकर कोणार्क मंदिर जैसी प्राचीन व ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण जगह शामिल है। ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में एक है जिसके निर्माण में 22 वर्ष लगे थे। वर्ष 1632 में निर्माण कार्य शुरू हुआ था जिस पर उन दिनों 3 करोड़ रुपए का खर्च हुए थे। प्रतिवर्ष ताजमहल को देखने के लिए 40 लाख लोग आते हैं जिसमें 30 फ़ीसदी लोग विदेशी होते हैं।

यह भी बता दें कि कोरोना वायरस के कारण फिलहाल ताजमहल बंद है और पर्यटकों के नहीं आने के कारण गरीबों व मजदूरों की रोजी-रोटी भी बंद हो गई है। कोरोना लाॅकडाउन के कारण घर में रहकर समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने वर्ल्ड हेरिटेज डे मनाने के क्रम में एकमात्र श्रोता अपनी धर्मपत्नी श्रीमती रेणु चौधरी से अब तक चार बार बंद किए जाने वाले ताजमहल की चर्चा करते हुए कहा-

पहली बार द्वितीय विश्व युद्ध (1939-45) के दरमियान बंद किया गया था। दूसरी बार भारत-पाकिस्तान युद्ध के दरमियान 1971 में बंद किया गया था। तीसरी बार आगरा में बाढ़ आने के दरमियान 1978 में स्थानीय प्रशासन द्वारा 7 दिनों तक बंद रखा गया था और चौथी बार 2020 में कोरोना के अंतरराष्ट्रीय कहर के दरमियान अनचाहे दिनों के लिए ताजमहल को फिर बंद कर दिया गया है।

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