संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की 643वीं जयंती सोमवार को मधेपुरा के भूपेन्द्र स्मृति कला भवन में मनाई गई। इस जयंती समारोह के उद्घाटन कर्ता और सौर बाजार प्रखंड के पूर्व प्रमुख एवं प्रखर समाजसेवी योगेंद्र राम, मुख्य अतिथि समाजसेवी-साहित्यकार प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी तथा अध्यक्षता कर रहे थे कमल दास, जो रविदास एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
बता दें कि संत रविदास जयंती समारोह के आयोजन कर्ताओं- संरक्षक शिवकुमार राम, महासचिव नवीन कुमार राम, उपाध्यक्ष संतोष कुमार राम, प्रवक्ता हरीश चंद्र राम एवं संयोजक प्रो.ललन कुमार राम सहित अन्य गणमान्यों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर समारोह का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर उद्घाटन कर्ता योगेंद्र राम ने अपने संबोधन में कहा कि संत शिरोमणि रविदास ने समाज को प्रेम और मानवता की राह दिखाई। उन्होंने कहा कि संत रविदास द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलकर जीवन के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सकता है।
मुख्य अतिथि समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने रविदास-कबीरदास के साथ-साथ मनीषी भूपेन्द्र एवं डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम को संदर्भित करते हुए विस्तार से उदाहरण दे-देकर इन्हें सहज जीवन का धारक यानी संत करार दिया। डॉ.मधेपुरी ने कहा कि इन संतों को धन के प्रति अनुराग नहीं था। इन्होंने समाज को नई-नई राहें दिखाई। धरती को जीने लायक कैसे बनाया जाए इस पर अपना सर्वस्व न्योछावर करते रहे। इनका मन सर्वाधिक स्वच्छ था… अतः हमें इनके जीवन का अनुसरण करना चाहिए। इसी कड़ी में सभी आयोजन कर्ताओं सहित प्रो.दयानंद, नरेश पासवान, अशोक चौधरी, पूर्व विधायक परमेश्वरी प्रसाद निराला,जिला अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद यादव, पूर्व उपाध्यक्ष रामकृष्ण यादव, गणेश मानव, प्रमोद प्रभाकर, अखिलेश राम, प्रो.फुलेंद्र कुमार आदि ने विस्तारपूर्वक संतो के आचरण का वर्णन किया।
अंत में अध्यक्ष कमल दास ने विस्तार पूर्वक कहा कि संत रविदास ने सामाजिक एवं आध्यात्मिक संघर्ष किया था। संत रविदास ने दुनिया को यही संदेश दिया कि आदमी मन, वचन व कर्म से बड़ा होता है। कार्यक्रम लंबे समय तक चलने के कारण अध्यक्ष ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।