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इंस्पेक्टर महावीर सिंह आंतिल की अविश्वसनीय विदाई

आज जब सरकारी महकमों में चारों ओर लूट-खसोट मची है और टूल पर बैठा चपरासी भी हल्की-फुल्की जानकारी देने के एवज में दीवाल पर टंगी तस्वीर दिखाते हुए यहां तक कह डालता है कि देख नहीं रहे… बापू क्या कह रहे हैं ?… यही कि 5 रुपए से कम  लिए तो इस लाठी से…. पीठ की हड्डी पिछाड़ देंगे। वैसे माहौल में भी कुछ ऐसे सरकारी सेवक हैं जिनकी विदाई भारतीय किसानों द्वारा की जाती है….. जिसे आज की तारीख में अविश्वसनीय विदाई मानी जाती है।

हरियाणा के सोनीपत शुगर मिल में कार्यरत इंस्पेक्टर महावीर सिंह आंतिल के अच्छे, सच्चे और ईमानदार व्यवहार के चलते उनकी सेवानिवृत्ति के दिन वाले “विदाई समारोह” को किसानों ने अविश्वसनीय बना दिया। आंतिल के इनकार करने के बावजूद किसानों ने कहा कि यह समाजिक प्रतीक व ईमानदार भाईचारे का सम्मान है… इसे हर हाल में स्वीकार करना होगा… महावीर बाबू !

किसानों के इस तरह इंस्पेक्टर आंतिल पर मेहरबान होने का कारण यही रहा कि वे गन्ना अधिकारी के रूप में किसानों को गन्ने की अच्छी वैरायटी के चयन से लेकर मिल में खरीद तक उनकी मदद पूरी ईमानदारी से किया करते। तभी तो 35 साल की नौकरी पूरी करने के बाद रिटायरमेंट के दिन आसपास के गांव के 500 से ज्यादा किसान, विधायक व अधिकारी मौजूद थे।

इस आंतिल विदाई समारोह पर किसानों ने उन्हें 15 लाख रुपए की एक कार, 2.5 लाख रुपए की एक बुलेट मोटरसाइकिल, नगद 10 लाख रुपए और एक बेहतरीन हुक्का देकर विदाई दी। शुगर मिल में सुपरवाइजरी के दरमियान कभी भी किसानों के काम के लिए समय की परवाह नहीं करने वाले इंस्पेक्टर आंतिल को विधायक मोहनलाल बड़ौली अपनी कार में बिठाकर उन्हें ससम्मान घर छोड़ने गए। ऐसी अद्भुत विदाई का अवसर… खुदा जाने फिर कब….. और किसे मिलेगा ?

 

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