बिहार ने एक बार फिर इतिहास रच दिया। यह तीसरी बार है जब बिहार में मानव-श्रृंखला का आयोजन किया गया। पिछली बार की तरह इस बार भी बिहार ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा। जल-जीवन-हरियाली और नशामुक्ति के समर्थन एवं बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरोध में इस बार 5 करोड़ 16 लाख 71 हजार 389 बिहारवासियों ने 18,034 किलोमीटर लंबी मानव-श्रृंखला बनाई। इस श्रृंखला की भव्यता और विशालता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि बिहार की मानव-श्रृंखला 1155 किलोमीटर के विश्व रिकॉर्ड से 15 गुना बड़ी है। इस तरह बिहार ने अपना ही रिकॉर्ड और बेहतर करते हुए विश्व रिकॉर्ड को तीसरी बार तोड़ा।
बता दें कि इस ऐतिहासिक मानव-श्रृंखला का शुभारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान से गुब्बारा उड़ाकर किया। मानव-श्रृंखला के लिए हुए इस मुख्य आयोजन में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारुण रशीद सहित कई वरिष्ठ मंत्री, सांसद एवं आला अधिकारी मौजूद रहे। इस अवसर पर जलपुरुष एवं मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित श्री राजेन्द्र सिंह एवं यूएनआईपी के इंडिया कंट्री हेड अतुल बगई गांधी मैदान में विशेष तौर पर मौजूद रहे।
मानव-श्रृंखला को लेकर पूरे बिहार में उत्सव-सा माहौल रहा। हालांकि इसके लिए दिन के 11.30 से 12.00 बजे का समय निर्धारित था लेकिन उत्साह का आलम यह था कि लोग 10 बजे से ही कतार में लगने के लिए घरों से निकलने लगे। यहां तक कि बिहार के विभिन्न जेलो के 43445 कैदी भी जेलकर्मियों के साथ इस श्रृंखला में शामिल हुए। मानव-श्रृंखला की फोटोग्राफी के लिए 07 हैलीकॉप्टर और 100 से अधिक ड्रोन लगाए गए थे। इस श्रृंखला पर देश और दुनिया की नजरें टिकी थीं। इसके साथ ही दो प्रतिष्ठित रिकॉर्ड बुक – इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स तथा लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स – की टीमें भी इसे परखने के लिए बिहार में जमी थीं।
मानव-श्रृंखला के इस विराट आयोजन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहारवासियों को उनके अभूतपूर्व समर्थन के लिए “हृदय से धन्यवाद” देते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण तथा जलवायु परिवर्तन एवं अन्य सामाजिक सुधार के अभियानों के प्रति जागरुकता फैलाने में यह मानव-श्रृंखला मील का पत्थर साबित होगी। बिहार प्रदेश जदयू के अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ऐतिहासिक मानव-श्रृंखला बनाकर बिहार ने पूरे विश्व को संदेश दिया है। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) आरसीपी सिंह ने कहा कि इस अभूतपूर्व मानव-श्रृंखला का आयोजन कर बिहारवासियों ने राज्य को नया गौरव दिया है।
वहीं मधेपुरा के समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने मुख्यमंत्री को उनके जल-जीवन-हरियाली यात्रा के दौरान शुभकामना व्यक्त करते हुए यही कहा था कि आपका यह कार्यक्रम एक दिन “वैश्विक क्रांति” का मार्ग प्रशस्त करेगा….. जैसा कि बिहार वासियों की बढ़ती हुई सहभागिता से स्पष्ट नजर आने लगा है।‘मधेपुरा अबतक’ भी इस मौके पर बिहारवासियों को हार्दिक बधाई और साधुवाद देता है।