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मानवता को जीवित रखने के लिए नीतीश के जल-जीवन-हरियाली जैसे अभियान से संपूर्ण विश्व को जोड़ना आवश्यक- डॉ.मधेपुरी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस “जल-जीवन-हरियाली” अभियान को लेकर 19 जनवरी 2020 को आयोजित होने वाली ऐतिहासिक मानव श्रृंखला की सफलता के लिए तैयारी बैठकें जोर पकड़ती जा रही हैं। पंचायत से लेकर प्रखंड और जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक लंबी मानव श्रृंखला हेतु पूर्वाभ्यास की तैयारियां चतुर्दिक देखी जा रही है। कोसी के तीनों जिलों- मधेपुरा… सहरसा… सुपौल… के अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने पांचवी कक्षा से ऊपर की छात्र-छात्राओं से लेकर शिक्षक-शिक्षिकाओं, कलाजत्था, साक्षरता कर्मियों एवं सेविकाओं- सहायिकाओं सहित सभी कोटि के पंचायत प्रतिनिधियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं को ‘जल-जीवन-हरियाली’ को एक मिशन के रूप में लेने का आह्वान किया है। मानव श्रृंखला का उद्देश्य लोगों को ‘जल-जीवन-हरियाली’ सरीखे अभियान के प्रति जागरूक करना है।

बता दें कि समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी द्वारा स्कूली बच्चों एवं शिक्षक व शिक्षिकाओं के बीच में जा-जाकर यह कहते सुना जा रहा है कि मानव जाति को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री के इस ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान से समाज को जोड़ना है, संपूर्ण विश्व को जोड़ना है। डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने स्कूली बच्चों एवं बुजुर्गों से कहा कि आगामी 19 जनवरी को 11:30 बजे से 12:00 बजे तक मानव श्रृंखला के लिए समय का निर्धारण किया गया है। डॉ.मधेपुरी ने ग्रामीण लोगों से अपील की कि मानव श्रृंखला हेतु निर्धारित किए गए मार्ग पर समय से पहुंचने हेतु घर से एक घंटा पूर्व ही प्रस्थान करें।

चलते-चलते यह भी बता दें कि स्कूलों में जाकर डॉ.मधेपुरी बच्चों के बीच यही कहते हुए सुने जाते रहे कि जल है तो जीवन है। और जीवन के चारों और हरियाली ही हरियाली होगी तो चतुर्दिक खुशहाली होगी….. यानि खुशहाली बरकरार रखने के लिए जल को बचाना है और हरियाली को निरंतर बढ़ाते रहना है।

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