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लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है मानवाधिकार दिवस- डॉ.मधेपुरी

10 दिसंबर (मंगलवार) को संध्या 6:00 बजे भूपेन्द्र नारायण मंडल चौक से शहीद सदानंद चौक तक जिले के प्रशासनिक पदाधिकारी, समाजसेवी, अधिवक्ता एवं छात्रों ने कैंडल मार्च निकालकर “विश्व मानवाधिकार दिवस” के बैनर तले लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया।

इस अवसर पर जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी द्वय एडीएम उपेन्द्र कुमार व एडीएम शिवकुमार शैव सहित अन्य पदाधिकारीगण, अधिवक्ता विजय कुमार, समाजसेवी साहित्यकार डाॅ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी, स्काउट एंड गाइड प्रशिक्षण जयकृष्ण यादव, टीपीएस के छात्र एवं शिक्षक भी तख्तियों एवं बैनरौं के साथ हाथ में जलती मोमबत्ती लेकर ‘कैंडल मार्च’ में शामिल दिखे। विशेष बात यह कि दिल्ली से आई डॉ.हेमा अपने सहयोगी भारती के साथ भूपेन्द्र चौक से शहीद सदानंद चौक तक मानवाधिकार पर ही चर्चाएं करती हुई देखी गई।

शहीद सदानंद चौक पर सारे कैंडलों को शहीद स्मारक पर जलते हुए रखकर कैंडल मार्च का समापन किया गया। मौके पर आए मीडिया मैनो के साथ-साथ उपस्थित सारे लोगों को संबोधित करते हुए एडीएम द्वय ने कहा कि 10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली में मानवाधिकार के बाबत सर्वसम्मत निर्णय लिया गया था, तबसे इस तारीख को सारे सदस्य देशों द्वारा मानवाधिकार के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि आजादी, बराबरी और सम्मान के साथ जीने का अधिकार है मानवाधिकार। डॉ.मधेपुरी ने कहा कि देश की सरकार की तरह ही विश्व सरकार बननी चाहिए और इसके समर्थन में उन्होंने अपनी चन्द पंक्तियाँ यूँ  उद्धृत की।

रे धरा एक सरकार एक,

जब क्रियाशील चिन्तन होगा।

हिंसा विद्वेष गरल से तब,

चिरमुक्त मनुज का मन होगा।।

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