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राजद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लालू के निर्वाचन पर मुहर

राष्‍ट्रीय जनता दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लालू प्रसाद यादव के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के रूप में निर्वाचन पर मुहर लग गई। मंगलवार को राजद की नवगठित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में इसकी औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी। इसके साथ ही पार्टी का खुला अधिवेशन भी होगा। सोमवार को कार्यकारिणी की बैठक में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के नारों और संघर्ष की रणनीति तय की गई और एक स्वर से तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लिया गया।

गौरतलब है कि सोमवार को राजद राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कई प्रदेशों के नेता आए, लेकिन राबड़ी देवी और मीसा भारती की अनुपस्थिति खटक रही थी। लालू प्रसाद यादव के समधी चंद्रिका राय और सांसद मनोज झा भी नहीं थे। बैठक में जहां लालू के छोटे बेटे तेजस्‍वी काफी सक्रिय दिखे, वहीं उनके बड़े बेटे तेजप्रताप काफी देर बाद पहुंचे। कुछ दिनों पहले अवकाश लेने की घोषणा करने वाले शिवानंद तिवारी की सक्रियता सबकी निगाहों में रही।

बहरहाल, सोमवार को हुई बैठक में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के नारे और संघर्ष की रणनीति पर विचार किया गया। अपराध, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर केन्द्र-राज्य सरकारों के खिलाफ पार्टी की व्यूह रचना हो चुकी है। नई रणनीति के तहत आरजेडी को अब सवर्णों से भी परहेज नहीं है। मंगलवार को पटना के बापू भवन में आयोजित खुला अधिवेशन के दौरान मैदान की ओर प्रस्थान के लिए बिगुल बज जाएगा।

सोमवार की बैठक में कुल दस प्रस्तावों पर मुहर लगी। राजनीतिक प्रस्ताव चितरंजन गगन ने रखा जिसका समर्थन शिवानंद तिवारी और रामचंद्र पूर्वे ने किया। आर्थिक प्रस्ताव आलोक मेहता ने रखा जिसका समर्थन अब्दुलबारी सिद्दीकी और उदयनारायण चौधरी ने किया। शिक्षा संबंधी प्रस्ताव चन्द्रशेखर ने, विदेश नीति का प्रस्ताव अन्नु चाको ने, एससी-एसटी संबंधी प्रस्ताव सुरेश पासवान ने, अल्पसंख्यक संबंधी प्रस्ताव तनवीर हरसन ने, महिला सशक्तिकरण का प्रस्ताव कांति सिंह ने तथा संविधान संशोधन संबंधी प्रस्ताव भोला यादव ने रखा। बता दें कि राजद के प्रस्तावों में महिला सशक्‍तीकरण को पहली बार शामिल किया गया। प्रस्ताव प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने तैयार किया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता रघुवंश प्रसाद सिंह ने की।

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